DETAILS, FICTION AND SIDH KUNJIKA

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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः

क्लीङ्कारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते ॥ ८ ॥

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि

नमः कैटभ हारिण्यै, नमस्ते महिषार्दिनि।।

न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा।।

मारणं मोहनं वश्यं स्तंभनोच्चाटनादिकम् ।

अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम् ॥ ३ ॥

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः

अगर किसी विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए सिद्ध कुंजिका स्तोत्र कर रहे हैं check here तो हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर जितने पाठ एक दिन में कर सकते हैं उसका संकल्प लें.

श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)

देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि

अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं ।

कंट्रोवर्सी किंग हैं शाहरुख खान, कभी जेल की हवा खाई, तो कभी हुए बैन उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड

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